Лента постов канала दैनिक हिन्दू पंचांग 🚩 (@HinduPanchang) https://t.me/HinduPanchang आपका दिन मंगलमय हो 🙏 दैनिक राशिफल=> bit.ly/Rashifal_Daily जन्म कुंडली रिपोर्ट 60 से ज्यादा पेज़ में @ ₹ 350/- =>> https://t.me/HinduPanchang/4027 आज का पंचांग क्या है? => https://t.me/HinduPanchang/473 ru https://linkbaza.com/catalog/-1001302003528 Sat, 23 Aug 2025 04:13:17 +0300
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https://linkbaza.com/catalog/-1001302003528 Wed, 20 Aug 2025 16:56:13 +0300
*🌞~ आज का हिन्दू पंचांग ~🌞*
*⛅दिनांक - 21 अगस्त 2025*
*⛅दिन - गुरुवार*
*⛅विक्रम संवत् - 2082*
*⛅अयन - दक्षिणायण*
*⛅ऋतु - वर्षा*
*⛅मास - भाद्रपद*
*⛅पक्ष - कृष्ण*
*⛅तिथि - त्रयोदशी दोपहर 12:44 तक तत्पश्चात् चतुर्दशी*
*⛅नक्षत्र - पुष्य रात्रि 12:08 अगस्त 22 तक तत्पश्चात् अश्लेशा*
*⛅योग - व्यतीपात शाम 04:14 तक तत्पश्चात् वरीयान‌्*
*⛅राहुकाल - दोपहर 02:19 से दोपहर 03:55 तक (अहमदाबाद मानक समयानुसार)*
*⛅सूर्योदय - 06:18*
*⛅सूर्यास्त - 07:07 (सूर्योदय एवं सूर्यास्त अहमदाबाद मानक समयानुसार)*
*⛅दिशा शूल -  दक्षिण दिशा में*
*⛅ब्रह्ममुहूर्त - प्रातः 04:49 से प्रातः 05:34 तक (अहमदाबाद मानक समयानुसार)*
*⛅अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 12:17 से दोपहर 01:08*
*⛅निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:20 अगस्त 22 से रात्रि 01:05 अगस्त 22 तक (अहमदाबाद मानक समयानुसार)*
*⛅️व्रत पर्व विवरण - मासिक शिवरात्रि, गुरुपुष्यामृत योग, सर्वार्थसिद्धि योग (प्रातः 06:18 से रात्रि 12:08 अगस्त 22 तक)*
*⛅️विशेष - त्रयोदशी को बैंगन खाने से पुत्र का नाश होता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंड: 27.29-34)*

*🔹अपने हाथ में ही अपना आरोग्य🔹*

*🔸१) सभी अंगों में पुष्टिदायक तेल की मालिश अवश्य करानी चाहिए सिर में कान में और पैरों में तो विशेष रूप से करानी चाहिए । कराने से वायु तथा कफ मिटता है, थकान मिटती है, शक्ति तथा सुख की प्राप्ति होती है, नींद अच्छी आती है, शरीर का वर्ण सुधरता है, शरीर में कोमलता आती है, आयुष्य की वृद्धि होती है तथा देह की पुष्टि होती है ।*

*🔸(२) सिर में मालिश किया हुआ तेल सभी इन्द्रियों को तृप्त करता है, दृष्टि को बल देता है, सिर के दर्दों को मिटाता है। बाल में तेल पहुँचने से बाल घने, लम्बे तथा मुलायम होते हैं । लंबे समय तक टिकते हैं और बाल काले बने रहते हैं तथा सिर को भी भरा हुआ रखता है ।*

*🔸(३) नित्य कान में तेल डालने से कान में रोग या मैल नहीं होता । गले के बाजू की नाड़ी तथा दाढ़ी अकड नहीं जाती । बहुत ऊँचे से सुनना या बहरापन नहीं होता । कान में रस आदि पदार्थ डालने हों तो भोजन से पहले डालना हितकर है ।*

*🔸(४) पैरों पर तेल मसलने से पाँव मजबूत होते हैं। नींद अच्छी आती है, आँख स्वच्छ रहती है तथा पैर झूठे नहीं पड़ जाते, श्रम से अकड़ नहीं जाते, संकोच प्राप्त नहीं करते तथा फटते भी नहीं । जिस तरह गरुड़ के पास साँप नहीं जाते उसी तरह कसरत के अभ्यासी और तेल की मालिश करानेवाले के पास रोग नहीं जाते । नहाते समय तेल का उपयोग किया हो तो वह तेल रोंगटों के छिद्रों, शिराओं के समूह तथा धमनियों के द्वारा सम्पूर्ण शरीर को तृप्त करता है तथा बल प्रदान करता है ।*

*🔸(५) जिस तरह मूल में सिंचित वृक्षों के पत्ते आदि वृद्धि प्राप्त करते हैं उसी तरह अंगों पर तेल मलवानेवाले मानवों की तेल से सिंचित धातुएँ पुष्टि प्राप्त करती हैं ।*

*🔸(६) बुखार से पीड़ित, कब्जियतवाले, जिसने जुलाब लिया हो, जिसे उल्टी हुई हो, उसे कभी भी तेल की मालिश नहीं करनी चाहिये ।*

*🔸(७) मुँह पर तेल मलने से आँखें मजबूत होती हैं, गाल पुष्ट होते हैं, फोड़े तथा फुन्सियाँ नहीं होती और मुँह कमल के समान सुशोभित होता है ।*

*🔸(८) जो मनुष्य प्रतिदिन आँवले से स्नान करता है उसके बाल जल्दी सफेद नहीं होते और वह सौ वर्ष तक जीवित रहता है ।*

*🔸(९) दर्पण में देहदर्शन करना यह मंगलरूप है, कांतिकारक है, पुष्टिदाता है, बल तथा आयुष्य को बढ़ाने वाला है और पाप तथा अलक्ष्मी का नाश करनेवाला ।*

*🔸(१०) जो मनुष्य सोते समय बिजोरे के पत्तों का चूर्ण शहद के साथ चाटता है वह सुखपूर्वक सो सकता है ।*
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https://linkbaza.com/catalog/-1001302003528 Tue, 19 Aug 2025 22:58:19 +0300
*🌞~ आज का हिन्दू पंचांग ~🌞*
*⛅दिनांक - 20 अगस्त 2025*
*⛅दिन - बुधवार*
*⛅विक्रम संवत् - 2082*
*⛅अयन - दक्षिणायण*
*⛅ऋतु - वर्षा*
*⛅मास - भाद्रपद*
*⛅पक्ष - कृष्ण*
*⛅तिथि - द्वादशी दोपहर 01:58 तक तत्पश्चात् त्रयोदशी*
*⛅नक्षत्र - पुनर्वसु रात्रि 12:27 अगस्त 21 तक तत्पश्चात् पुष्य*
*⛅योग - सिद्धि शाम 06:13 तक तत्पश्चात् व्यतिपात*
*⛅राहुकाल - दोपहर 12:43 से दोपहर 02:19 तक (अहमदाबाद मानक समयानुसार)*
*⛅सूर्योदय - 06:18*
*⛅सूर्यास्त - 07:08 (सूर्योदय एवं सूर्यास्त अहमदाबाद मानक समयानुसार)*
*⛅दिशा शूल - उत्तर दिशा में*
*⛅ब्रह्ममुहूर्त - प्रातः 04:49 से प्रातः 05:33 तक (अहमदाबाद मानक समयानुसार)*
*⛅अभिजीत मुहूर्त - कोई नहीं*
*⛅निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:21 अगस्त 21 से रात्रि 01:05 अगस्त 21 तक (अहमदाबाद मानक समयानुसार)*
*⛅️व्रत पर्व विवरण - प्रदोष व्रत, व्यतीपात योग (शाम 06:14 से शाम 04:14 अगस्त 21 तक)*
*⛅️विशेष - द्वादशी को पुतिका (पोई) व त्रयोदशी को बैंगन खाने से पुत्र का नाश होता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंड: 27.29-34)*

*🔹घृतकुमारी (ग्वारपाठा) रस 🔹*

*🔸घृतकुमारी शरीर गत दोषों व मल के उत्सर्जन के द्वारा शरीर को शुद्ध व सप्तधातुओं को पुष्ट कर रसायन का कार्य करती है I*

*🔸विविध त्वचा विकार, पीलिया, रक्ताल्पता, कफजन्य ज्वर, हड्डियों का बुखार, नेत्ररोग, स्त्रीरोग, जलोदर, घुटनों व अन्य जोड़ों का दर्द, जलन, बालों का झड़ना, आदि में उपयोगी है I*

*🔸पेट के पुराने रोग, चर्मरोग, गठियाव व मधुमेह (डायाबिटीज) में यह विशेष लाभप्रद है I*

*🔸रस की मात्रा : बच्चों के लिए ५ से १५ मी.ली. तथा बड़ों के लिए १५ से २५ मी.ली. रस सुबह खाली पेट लें I*
      
*- 📖 लोक कल्याण सेतु, निरंतर अंक-182, अगस्त 2012*
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https://linkbaza.com/catalog/-1001302003528 Mon, 18 Aug 2025 18:05:44 +0300
*🌞~ आज का हिन्दू पंचांग ~🌞*
*⛅दिनांक - 19 अगस्त 2025*
*⛅दिन - मंगलवार*
*⛅विक्रम संवत् - 2082*
*⛅अयन - दक्षिणायण*
*⛅ऋतु - वर्षा*
*⛅मास - भाद्रपद*
*⛅पक्ष - कृष्ण*
*⛅तिथि - एकादशी दोपहर 03:32 तक तत्पश्चात् द्वादशी*
*⛅नक्षत्र - आद्रा रात्रि 01:07 अगस्त 20 तक तत्पश्चात् पुनर्वसु*
*⛅योग - वज्र रात्रि 08:30 तक तत्पश्चात् सिद्धि*
*⛅राहुकाल - दोपहर 03:56 से शाम 05:32 तक (अहमदाबाद मानक समयानुसार)*
*⛅सूर्योदय - 06:17*
*⛅सूर्यास्त - 07:09 (सूर्योदय एवं सूर्यास्त अहमदाबाद मानक समयानुसार)*
*⛅दिशा शूल - उत्तर दिशा में*
*⛅ब्रह्ममुहूर्त - प्रातः 04:48 से प्रातः 05:33 तक (अहमदाबाद मानक समयानुसार)*
*⛅अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 12:17 से दोपहर 01:09*
*⛅निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:21 अगस्त 20 से रात्रि 01:06 अगस्त 20 तक (अहमदाबाद मानक समयानुसार)*
*⛅️व्रत पर्व विवरण - अजा एकादशी, त्रिपुष्कर योग (रात्रि 01:07 अगस्त 20 से प्रातः 06:18 अगस्त 20 तक)*
*⛅️विशेष - एकादशी को शिम्बी (सेम) व द्वादशी को पुतिका (पोई) खाने से पुत्र का नाश होता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंड: 27.29-34)*

*🔹एकादशी विशेष🔹*

*🔸एकादशी व्रत के लाभ🔸*

*🔸 एकादशी व्रत के पुण्य के समान और कोई पुण्य नहीं है ।*

*🔸 जो पुण्य सूर्यग्रहण में दान से होता है, उससे कई गुना अधिक पुण्य एकादशी के व्रत से होता है ।*

*🔸 जो पुण्य गौ-दान, सुवर्ण-दान, अश्वमेघ यज्ञ से होता है, उससे अधिक पुण्य एकादशी के व्रत से होता है ।*

*🔸 एकादशी करनेवालों के पितर नीच योनि से मुक्त होते हैं और अपने परिवारवालों पर प्रसन्नता बरसाते हैं । इसलिए यह व्रत करने वालों के घर में सुख-शांति बनी रहती है ।*

*🔸 धन-धान्य, पुत्रादि की वृद्धि होती है ।*

*🔸 कीर्ति बढ़ती है, श्रद्धा-भक्ति बढ़ती है, जिससे जीवन रसमय बनता है ।*

*🔸 परमात्मा की प्रसन्नता प्राप्त होती है । पूर्वकाल में राजा नहुष, अंबरीष, राजा गाधी आदि जिन्होंने भी एकादशी का व्रत किया, उन्हें इस पृथ्वी का समस्त ऐश्वर्य प्राप्त हुआ । भगवान शिवजी ने नारद से कहा है : एकादशी का व्रत करने से मनुष्य के सात जन्मों के पाप नष्ट हो जाते हैं, इसमे कोई संदेह नहीं है । एकादशी के दिन किये हुए व्रत, गौ-दान आदि का अनंत गुना पुण्य होता है ।*
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https://linkbaza.com/catalog/-1001302003528 Sun, 17 Aug 2025 19:31:41 +0300
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https://linkbaza.com/catalog/-1001302003528 Sat, 16 Aug 2025 20:31:28 +0300
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https://linkbaza.com/catalog/-1001302003528 Sat, 16 Aug 2025 05:12:30 +0300
*🌞~ आज का हिन्दू पंचांग ~🌞*
*⛅दिनांक - 16 अगस्त 2025*
*⛅दिन - शनिवार*
*⛅विक्रम संवत् - 2082*
*⛅अयन - दक्षिणायण*
*⛅ऋतु - वर्षा*
*⛅मास - भाद्रपद*
*⛅पक्ष - कृष्ण*
*⛅तिथि - अष्टमी रात्रि 09:34 तक तत्पश्चात् नवमी*
*⛅नक्षत्र - कृत्तिका प्रातः 04:38 अगस्त 17 तक तत्पश्चात् रोहिणी*
*⛅योग - वृद्धि सुबह 07:21 तक, तत्पश्चात् ध्रुव प्रातः 04:28 अगस्त 17 तक, तत्पश्चात् व्याघात*
*⛅राहुकाल - सुबह 09:30 से सुबह 11:07 तक (अहमदाबाद मानक समयानुसार)*
*⛅सूर्योदय - 06:16*
*⛅सूर्यास्त - 07:11 (सूर्योदय एवं सूर्यास्त अहमदाबाद मानक समयानुसार)*
*⛅दिशा शूल - पूर्व दिशा में*
*⛅ब्रह्ममुहूर्त - प्रातः 04:48 से प्रातः 05:32 तक (अहमदाबाद मानक समयानुसार)*
*⛅अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 12:18 से दोपहर 01:10*
*⛅निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:22 अगस्त 17 से रात्रि 01:06 अगस्त 17 तक (अहमदाबाद मानक समयानुसार)*
*⛅️व्रत पर्व विवरण - श्री कृष्ण जन्माष्टमी (भागवत), कालाष्टमी, दही हाण्डी*
*⛅️विशेष - अष्टमी को नारियल फल खाने से बुद्धि का नाश होता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंड: 27.29-34)*

*🔹भोजन हेतु कैसे पात्रों का उपयोग हो ?🔹*

*🔸 भोजन बनाने व खाने हेतु एल्यूमीनियम और प्लास्टिक के बर्तनों के प्रयोग से भोजन में हानिकारक रासायनिक पदार्थ मिश्रित हो जाते हैं । एल्यूमीनियम के बर्तनों में पकाया गया विटामिन्सयुक्त पौष्टिक खाद्य पदार्थ भी अपने गुण खो बैठता है । विशेषज्ञों का मानना है कि एल्यूमीनियम की विषाक्तता के कारण आँतों में जलन होने लगती है तथा आँतों का कैंसर होने का खतरा बढ़ जाता है । एल्यूमीनियम के बर्तनों में भोजन बनाना हानिकारक है ।*

*🔸 अतः भोजन बनाने व जाने हेतु उपरोक्त बर्तनों की अपेक्षा देशी मिट्टी (चीनी मिट्टी आदि नहीं), काँच, स्टील या कलई किये हुए पीतल के बर्तनों का प्रयोग हितकारी है ।*

*🔸 केला, पलाश अथवा बड़ के पत्ते रूचि उत्पन्न करने वाले तथा विषदोष नाशक और जठराग्निवर्धक होते हैं अतः भोजन करने के लिए इनकी पत्तलों का उपयोग भी हितावह है ।*

*🔸 खाद्य पदार्थों को फ्रिज अथवा कोल्ड स्टोरेज में रखने से उनका प्राकृतिक स्वरूप बदल जाता है और पौष्टिक तत्त्वों में कमी आ जाती है ।*

*🔸 भोजन में संयम व सावधानी रखने से तथा उपरोक्त नियमों का पालन करने से हम अपने शरीर को स्वस्थ एवं निरोगी रख सकते हैं तथा मन की प्रसन्नता पा सकते हैं ।*
*-  स्रोतः ऋषि प्रसाद, अक्टूबर 2017*

*🔹दुकान में उन्नति🔹*

*🔹सुबह दुकान  खोलने पर थोड़ी कपूर जला कर आरती कर लें और जहाँ दुकान के मालिक बैठते हों वहां, जिधर से ग्राहक आते हों उधर  भी आरती कर लें । इससे दुकान में उन्नति होगी ।*

*🔸पढने में रूचि न हो या सफलता न मिलती हो तो...*

*🔸जिन बच्चों का पढाई की और रुझान नहीं होता अथवा कम होता है या काफी परिश्रम करके भी जिन्हें अध्ययन में पर्याप्त सफलता नहीं मिलती उनके लिए लाभदायी प्रयोग :*

*🔸१ ग्राम कपूर और मौलसिरी का एक बीज पीसकर देशी गाय के २०० ग्राम घी में मिला दें । नित्य किसी भी समय ५ से १० मिनट तक संबंधित बच्चे के शयनकक्ष में इस मिश्रण से दीपक जलायें । अथवा उसके तकिये में मौलसिरी के ३ बीज रख दें ।*

*🔹सुख – शांति व धनवृद्धि हेतु🔹*

*🔸सफेद पलाश के एक या अधिक पुष्पों को किसी शुभ महूर्त में लाकर तिजोरी में सुरुक्षित रखने से उस घ में सुख-शांति रहती है, धन-आगमन में बहुत वृद्धि होती है ।*
*- 📖 ऋषि प्रसाद – मार्च २०२१ से*
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https://linkbaza.com/catalog/-1001302003528 Thu, 14 Aug 2025 19:39:29 +0300
*🌞~ आज का हिन्दू पंचांग ~🌞*
*⛅दिनांक - 15 अगस्त 2025*
*⛅दिन - शुक्रवार*
*⛅विक्रम संवत् - 2082*
*⛅अयन - दक्षिणायण*
*⛅ऋतु - वर्षा*
*⛅मास - भाद्रपद*
*⛅पक्ष - कृष्ण*
*⛅तिथि - सप्तमी रात्रि 11:49 तक तत्पश्चात् अष्टमी*
*⛅नक्षत्र - अश्विनी सुबह 07:36 तक, तत्पश्चात् भरणी प्रातः 06:06 अगस्त 16 तक, तत्पश्चात् कृत्तिका*
*⛅योग - गण्ड सुबह 10:17 तत्पश्चात् वृद्धि*
*⛅राहुकाल - सुबह 11:07 से दोपहर 12:44 तक (अहमदाबाद मानक समयानुसार)*
*⛅सूर्योदय - 06:16*
*⛅सूर्यास्त - 07:12 (सूर्योदय एवं सूर्यास्त अहमदाबाद मानक समयानुसार)*
*⛅दिशा शूल - पश्चिम दिशा में*
*⛅ब्रह्ममुहूर्त - प्रातः 04:48 से प्रातः 05:32 तक (अहमदाबाद मानक समयानुसार)*
*⛅अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 12:18 से दोपहर 01:10*
*⛅निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:22 अगस्त 16 से रात्रि 01:06 अगस्त 16 तक (अहमदाबाद मानक समयानुसार)*
*⛅️व्रत पर्व विवरण - स्वतंत्रता दिवस, शीतला सातम, पतेती, आद्याकाली जयंती, श्री कृष्ण जन्माष्टमी (स्मार्त), सर्वार्थसिद्धि योग (प्रातः 06:16 से प्रातः 07:36 तक)*
*⛅️विशेष - सप्तमी को ताड़ फल खाने से रोग बढ़ता है व शरीर का नाश होता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंड: 27.29-34)*

*🔹सायटिका🔹*

*🔸सायटिका या गृध्रसी नसों में होनेवाला ऐसा दर्द है जिसमें मरीज को सबसे पहले कूल्हे में दर्द होता हैं और फिर धीरे-धीरे यह दर्द नसों से होते हुए दोनों पैरों में बढ़ता है । इससे उठने – बैठने व चलने – फिरने में दिक्कत होती है । यह कोई रोग नहीं है बल्कि रीढ़ से संबंधित कुछ रोगों का लक्षण हो सकता है । कभी-कभी सगर्भावस्था के कारण भी दर्द शुरू हो सकता है ।*

*🔸अधिक मेहनत करने या भारी वजन उठाने, अनुचित जीवनशैली व खान-पान, उठने-बैठने की गलत मुद्रा एवं रुखा, शीतल व आवश्यकता से कम मात्रा में आहार, अति संसार-व्यवहार, अधिक व्यायाम, चिंतित रहना, मल-मूत्र आदि के वेगों को रोकना, शरीर में कच्चा रस बनना आदि कारणों से भी यह दर्द हो सकता है ।*

*🔹कैसे पायें सायटिका से राहत ?🔹*

*🔸अधिकांश मामलों में कमर की गद्दी के अपने स्थान से खिसकने के कारण सायटिका का दर्द होना पाया जाता है । इसमें चिकित्सक की सलाह के अनुसार १५ दिनों से २ महीनों तक सिर्फ थोडा विश्राम करने और हलकी कसरत एवं योगासन जैसे की मकरासन, भुजंगासन, वज्रासन आदि का सहारा लेने से काफी लोगों को फायदा मिल जाता है ।*

*🔹सायटिका में लाभदायी अन्य प्रयोग🔹*

*🔹संत श्री आशारामजी आश्रमों व समिति के सेवाकेन्द्रों पर ऐसी कुछ औषधियाँ उपलब्ध हैं जो सायटिका में उत्तम लाभ देनेवाली हैं :*

*१] अश्वगंधा चूर्ण व टेबलेट : २ से ४ ग्राम अश्वगंधा चूर्ण या २ – ४ अश्वगंधा टेबलेट सुबह खाली पेट दूध के साथ लें ।*

*२] वज्र रसायन टेबलेट : आधी से एक गोली देशी गाय के दूध, घी अथवा शुद्ध शहद के साथ सुबह खाली पेट लें ।*

*३] स्पेशल मालिश तेल : इससे दिन में १ – २ बार हलके हाथों से मालिश करके गर्म कपड़े से सिंकाई करें ।*

*४] संधिशूलहर योग चूर्ण : २ चम्मच चूर्ण रात को १ गिलास पानी में भिगों दें । सुबह इसे उबालें । आधा पानी शेष रहने पर छान के पियें ।*

*🔸 अनुभूत घरेलू प्रयोग : पारिजात के १० – १५ पत्ते ३०० मि.ली. पानी में उबालें । २०० मि.ली. पानी शेष रहने पर छानें और २५ – ५० मि.ग्राम केसर घोंटकर इस पानी में घोल दें । १०० मि.ली. सुबह – शाम पियें । १५ दिन तक पीने से सायटिका जड़ से चला जाता है । स्लिप्ड डिस्क में भी यह प्रयोग रामबाण उपाय है । (वसंत ऋतु में पारिजात के पत्ते गुणहीन होते हैं । अत: यह प्रयोग वसंत ऋतु में लाभ नहीं करता । 2023 में वसंत ऋतु 19 फरवरी से 20 अप्रैल तक है ।)*

*वैद्कीय सलाहनुसार उचित आहार-विहार, पंचकर्म-चित्किसा, आयुर्वेदिक औषधियों का सेवन आदि से संतोषकारक परिणाम मिलते हैं ।*

*🔹सावधानियाँ : १] वायुवर्धक पदार्थ जैसे – आलू, मटर, चना, अरहर की दाल, बासी भोजन, अति ठंडा पानी आदि से तथा अति उपवास से बचें ।*

*२] पेट में कब्ज, गैस आदि न होने दें एवं प्रसन्न रहें ।*

*३] कमोड शौचालय का प्रयोग करें, ऊँची एडी की चप्पल न पहनें, अधिक दर्द होने पर शरीर को आराम दें एवं मुलायम गद्दे पर न सोयें ।*

*- 📖 ऋषि प्रसाद – जनवरी २०१८ से*
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https://linkbaza.com/catalog/-1001302003528 Thu, 14 Aug 2025 19:39:24 +0300
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https://linkbaza.com/catalog/-1001302003528 Wed, 13 Aug 2025 05:47:26 +0300
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https://linkbaza.com/catalog/-1001302003528 Tue, 12 Aug 2025 06:10:25 +0300
*🌞~ आज का हिन्दू पंचांग ~🌞*
*⛅दिनांक - 12 अगस्त 2025*
*⛅दिन - मंगलवार*
*⛅विक्रम संवत् - 2082*
*⛅अयन - दक्षिणायण*
*⛅ऋतु - वर्षा*
*⛅मास - भाद्रपद*
*⛅पक्ष - कृष्ण*
*⛅तिथि - तृतीया सुबह 08:40 तक तत्पश्चात् चतुर्थी*
*⛅नक्षत्र - पूर्व भाद्रपद सुबह 11:52 तक तत्पश्चात् उत्तर भाद्रपद*
*⛅योग - सुकर्मा शाम 06:54 तक तत्पश्चात् धृति*
*⛅राहुकाल - दोपहर 03:59 से शाम 05:37 तक (अहमदाबाद मानक समयानुसार)*
*⛅सूर्योदय - 06:15*
*⛅सूर्यास्त - 07:14 (सूर्योदय एवं सूर्यास्त अहमदाबाद मानक समयानुसार)*
*⛅दिशा शूल - उत्तर दिशा में*
*⛅ब्रह्ममुहूर्त - प्रातः 04:47 से प्रातः 05:31 तक (अहमदाबाद मानक समयानुसार)*
*⛅अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 12:19 से दोपहर 01:10 तक*
*⛅निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:23 अगस्त 13 से रात्रि 01:07 अगस्त 13 तक (अहमदाबाद मानक समयानुसार)*
*⛅️व्रत पर्व विवरण - कजरी तीज, हेरम्ब संकष्टी चतुर्थी, बहुला चतुर्थी, अंगारकी - मंगलवारी चतुर्थी (सुबह 08:40 से 13 अगस्त सूर्योदय तक), सर्वार्थ सिद्धि योग (सुबह 11:52 से प्रातः 06:15 अगस्त 13 तक)*
*⛅️विशेष - चतुर्थी को मूली खाने से धन का नाश होता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंड: 27.29-34)*

*🔹कर्ज-निवारण व धन-वृद्धि हेतु रखें इन बातों का विशेष ध्यान 🔹*

*🔸झाडू को कभी पैर न लगायें ।*

*🔸 भोजन बनाने के बाद तवा, कढ़ाई या अन्य बर्तन चूल्हे से उतारकर नीचे रखें ।*

*🔸 घर के दरवाजे को कभी भी पैर से ठोकर मार के न खोलें ।*

*🔸 देहली (दहलीज) पर बैठकर कभी भोजन न करें  ।*
*🔸सुबह शाम की पहली रोटी गाय के लिए बनायें व समय-अनुकूलता अनुसार खिला दें ।*

*🔸 घर के बड़ों को प्रणाम करें । उनके आशीर्वाद से घर में बरकत आती है ।*

*🔸 रसोईघर में जूठे बर्तन कभी भी नहीं रखें तथा रात्रि में जूठे बर्तन साफ करके ही रखें ।*

*🔸 घर में गलत जगह शौचालय बन गया हो तो शौचालय में नमक रखने से नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव दूर होता है । नमक को शौचालय के अलावा कहीं भी खुला न रखें । इससे धन-नाश होता है ।*

*🔸 घर की नकारात्मक ऊर्जा (negative energy) दूर करने के लिए हफ्ते में एक बार नमक मिले पानी से पोंछा लगायें ।*

*🔸 घर में जितनी भी घड़ियाँ हों उन्हें चालू रखें, बंद होने पर तुरंत ठीक करायें, धनागम अच्छा होगा ।*

*🔸 घर की छत पर टूटी कुर्सियाँ, बंद घड़ियाँ, गत्ते के खाली डिब्बे, बोतलें, मूर्तियाँ या कबाड़ नहीं रखना चाहिए ।*

*🔸 घर में जाला या काई न लगने दें ।*

*🔸घर की दीवारों व फर्श पर पेंसिल, चाक आदि के निशान होने से कर्ज चढ़ता है । निशान हों तो मिटा दें ।*

*🔸बाधाओं से सुरक्षा हेतु हल्दी व चावल पीसकर उसके घोल से या केवल हल्दी से घर के प्रवेश द्वार पर ॐ  बना दें ।*

*🔸प्रतिदिन प्रातः सूर्योदय के पूर्व उठकर स्नान करें, स्वच्छ वस्त्र पहनें । असत्य वचन न बोलें । पूजाघर में दीपक व गौ-चंदन धूपबत्ती जलायें । हो सके तो ताजे पुष्प चढ़ायें और तुलसी या रुद्राक्ष की माला से अपने गुरुमंत्र का कम से कम १००० बार (१० माला) जप करें । जिन्होंने मंत्रदीक्षा नहीं ली हो वे जो भी भगवन्नाम प्रिय लगता हो उसका जप करें ।*
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https://linkbaza.com/catalog/-1001302003528 Sun, 10 Aug 2025 15:30:13 +0300
*🌞~ आज का हिन्दू पंचांग ~🌞*
*⛅दिनांक - 11 अगस्त 2025*
*⛅दिन - सोमवार*
*⛅विक्रम संवत् - 2082*
*⛅अयन - दक्षिणायण*
*⛅ऋतु - वर्षा*
*⛅मास - भाद्रपद*
*⛅पक्ष - कृष्ण*
*⛅तिथि - द्वितीया सुबह 10:33 तक तत्पश्चात् तृतीया*
*⛅नक्षत्र - शतभिषा दोपहर 01:00 तक तत्पश्चात् पूर्व भाद्रपद*
*⛅योग - अतिगण्ड रात्रि 09:34 तक तत्पश्चात् सुकर्मा*
*⛅राहुकाल - सुबह 07:52 से  सुबह 09:30 तक (अहमदाबाद मानक समयानुसार)*
*⛅सूर्योदय - 06:14*
*⛅सूर्यास्त - 07:15 (सूर्योदय एवं सूर्यास्त अहमदाबाद मानक समयानुसार)*
*⛅दिशा शूल - पूर्व दिशा में*
*⛅ब्रह्ममुहूर्त - प्रातः 04:47 से प्रातः 05:31 तक (अहमदाबाद मानक समयानुसार)*
*⛅अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 12:19 से दोपहर 01:11 तक*
*⛅निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:23 अगस्त 12 से रात्रि 01:07 अगस्त 12 तक (अहमदाबाद मानक समयानुसार)*
*⛅️विशेष - द्वितीया को बृहती (छोटा बैंगन या कटेहरी) खाना निषिद्ध है व तृतीय को परवल खाना शत्रुओं की वृद्धि करने वाला है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंड: 27.29-34)*

*🫕आहार-सम्बन्धी कुछ आवश्यक नियम🫕*

*🔹१- सदैव अपने कार्यके अनुसार आहार लेना चाहिये । यदि आपको कठोर शारीरिक परिश्रम करना पड़ता है तो अधिक पौष्टिक आहार लेवें । यदि आप हलका शारीरिक परिश्रम करते हैं तो हलका सुपाच्य आहार लेवें ।*

*🔷२- प्रतिदिन निश्चित समयपर ही भोजन करना चाहिये ।*

*🔷३- भोजनको मुँहमें डालते ही निगले नहीं, बल्कि खूब चबाकर खायें, इससे भोजन शीघ्र पचता है ।*

*🔷४- भोजन करनेमें शीघ्रता न करें और न ही बातोंमें व्यस्त रहें ।*

*🔷५- अधिक मिर्च-मसालोंसे युक्त तथा चटपटे और तले हुए खाद्य पदार्थ न खायें। इससे पाचन-तन्त्रके रोगविकार उत्पन्न होते हैं ।*

*🔷६- आहार ग्रहण करनेके पश्चात् कुछ देर आराम अवश्य करें ।*

*🔷 ७- भोजनके मध्य अथवा तुरंत बाद पानी न पीयें । उचित तो यही है कि भोजन करनेके कुछ देर बाद पानी पिया जाय, किंतु यदि आवश्यक हो तो खानेके बाद बहुत कम मात्रामें पानी पी लेवें और इसके बाद कुछ देर ठहरकर ही पानी पीयें ।*

*🔷 ८- ध्यान रखें, कोई भी खाद्य पदार्थ बहुत गरम या बहुत ठंडा न खायें और न ही गरम खानेके साथ या बादमें ठंडा पानी पीयें ।*

*🔷 ९- आहार लेते समय अपना मन-मस्तिष्क चिन्तामुक्त रखें ।*

*🔷 १०- भोजनके बाद पाचक चूर्ण या ऐसा ही कोई भी अन्य औषध-पदार्थ सेवन करनेकी आदत कभी न डालें । इससे पाचन-शक्ति कमजोर हो जाती है ।*

*🔷 ११- रात्रिको सोते समय यदि सम्भव हो तो गरम ( गुनगुना ) दूधका सेवन करें ।*

*🔷 १२- भोजनोपरान्त यदि फलोंका सेवन किया जाय तो यह न केवल शक्तिवर्द्धक होता है, बल्कि इससे भोजन शीघ्र पच भी जाता है ।*

*🔷 १३- जितनी भूख हो, उतना ही भोजन करें। स्वादिष्ठ पकवान अधिक मात्रामें खानेका लालच अन्ततः अहितकर होता है ।*

*🔷 १४- रात्रिके समय दही या लस्सीका सेवन न करें ।*
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https://linkbaza.com/catalog/-1001302003528 Sat, 09 Aug 2025 19:25:49 +0300
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https://linkbaza.com/catalog/-1001302003528 Sat, 09 Aug 2025 06:12:04 +0300
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https://linkbaza.com/catalog/-1001302003528 Fri, 08 Aug 2025 05:05:41 +0300
*🌞~ आज का हिन्दू पंचांग ~🌞*
*⛅दिनांक - 08 अगस्त 2025*
*⛅दिन - शुक्रवार*
*⛅विक्रम संवत् - 2082*
*⛅अयन - दक्षिणायण*
*⛅ऋतु - वर्षा*
*⛅मास - श्रावण*
*⛅पक्ष - शुक्ल*
*⛅तिथि - चतुर्दशी दोपहर 02:12 तक तत्पश्चात् पूर्णिमा*
*⛅नक्षत्र -  उत्तराषाढ़ा दोपहर 02:28 तक तत्पश्चात् पूर्णिमा*
*⛅योग - आयुष्मान‌् प्रातः 04:09 अगस्त 09 तक तत्पश्चात् सौभाग्य*
*⛅राहुकाल - सुबह 11:07 से  दोपहर 12:45 तक (अहमदाबाद मानक समयानुसार)*
*⛅सूर्योदय - 06:17*
*⛅सूर्यास्त - 07:13 (सूर्योदय एवं सूर्यास्त अहमदाबाद मानक समयानुसार)*
*⛅दिशा शूल - पश्चिम दिशा में*
*⛅ब्रह्ममुहूर्त - प्रातः 04:46 से प्रातः 05:30 तक (अहमदाबाद मानक समयानुसार)*
*⛅अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 12:19 से दोपहर 01:11*
*⛅निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:23 अगस्त 09 से रात्रि 01:07 अगस्त 09 तक (अहमदाबाद मानक समयानुसार)*
*⛅️व्रत पर्व विवरण - हयग्रीव जयंती, वरलक्ष्मी व्रत, सर्वार्थ सिद्धि योग (दोपहर 02:28 से प्रातः 06:14 अगस्त 09 तक)*
*⛅️विशेष - चतुर्दशी और पूर्णिमा के दिन स्त्री-सहवास तथा तिल का तेल खाना व लगाना निषिद्ध है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंड: 27.29-34)*

*🌹 पूज्य बापूजी द्वारा निर्देशित - जैविक घड़ी के अनुसार दिनचर्या 🌹*

*🔸ऋषियों व आयुर्वेदाचार्यो ने बिना भूख लगे भोजन करना वर्जित बताया है। अतः सुबह एवं शाम के भोजन की मात्रा ऐसी रखें जिससे नीचे बताये समय में खुलकर भूख लगे ।*

*🔸 प्रातः ३ से ५ -(इस समय जीवनीशक्ति फेफड़ों में सक्रिय होती है ।)*
*इस समयावधि में थोड़ा गुनगुना पानी पीकर 'खुली हवा' में घूमना एवं प्राणायाम करना चाहिए ।*

*🔸 सुबह : ५ से ७ (बड़ी आँत में) - प्रातः जागरण से लेकर सुबह ७ बजे के बीच मल त्याग व स्नान कर लें । ५ से ७ (सुबह ७ बजे के बाद जो मल त्याग करते हैं उन्हें अनेक बीमारियाँ घेर लेती हैं ।)*

*🔸 सुबह ७ से ९ : (आमाशय या जठर में)- दूध या फलों का रस या कोई पेय पदार्थ ले सकते हैं । (भोजन के २ घंटे पूर्व)*

*🔸 सुबह ९ से ११ : (अग्न्याशय व प्लीहा में) - यह समय भोजन के लिए उपयुक्त है ।*

*🔸 दोपहर ११ से १ : (हृदय में)- दोपहर १२ बजे के आसपास (मध्यह्न- संध्या) ध्यान, जप करें । भोजन वर्जित है ।*

*🔸 दोपहर १ से ३ : (छोटी आँत में)- भोजन के करीब २ घंटे बाद प्यास अनुरूप पानी पीना चाहिए ।*

*🔸 दोपहर ३ से ५ : (मूत्राशय में)- २-४ घंटे पहले पिये पानी से इस समय मूत्र त्याग की प्रवृत्ति होगी ।*

*🔸 शाम ५ से ७ : गुर्दों में (Kidneys)- इस समय हलका भोजन कर लेना चाहिए । सूर्यास्त के १० मिनट पहले से १० मिनट बाद तक (संध्याकाल में) भोजन न करें अपितु संध्या करें ।*

*🔸 रात्रि ७ से ९ : (मस्तिष्क में)- इस समय मस्तिष्क विशेषरूप से सक्रिय रहता है । अतः पढ़ा हुआ पाठ जल्दी याद रह जाता है ।*

*🔸रात्रि ९ से ११ : (मेरूरज्जु में)- इस समय की नींद सर्वाधिक विश्रांतिप्रदान करती है ।*

*🔸 रात्रि ११ से १ : (पित्ताशय में)- इस काल में जागरण पित्त बढ़ाता है ।*

*🔸 रात्रि १ से ३ : (यकृत में)- इस काल में जागरण से पाचनतंत्र बिगड़ता है ।*
   *📖 ऋषि प्रसाद : जून-२०२१*
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https://linkbaza.com/catalog/-1001302003528 Thu, 07 Aug 2025 07:59:36 +0300
*🌞~ आज का हिन्दू पंचांग ~🌞*
*⛅दिनांक - 07 अगस्त 2025*
*⛅दिन - गुरुवार*
*⛅विक्रम संवत् - 2082*
*⛅अयन - दक्षिणायण*
*⛅ऋतु - वर्षा*
*⛅मास - श्रावण*
*⛅पक्ष - शुक्ल*
*⛅तिथि - त्रयोदशी दोपहर 02:27 तक तत्पश्चात् चतुर्दशी*
*⛅नक्षत्र - पूर्वाषाढा दोपहर 02:01 तक तत्पश्चात् उत्तराषाढा*
*⛅योग - विष्कम्भ सुबह 06:43 तक तत्पश्चात्, प्रीति प्रातः 05:39 अगस्त 08 तक, तत्पश्चात् आयुष्मान*
*⛅राहुकाल - दोपहर 02:23 से शाम 04:01 तक (अहमदाबाद मानक समयानुसार)*
*⛅सूर्योदय - 06:17*
*⛅सूर्यास्त - 07:13 (सूर्योदय एवं सूर्यास्त अहमदाबाद मानक समयानुसार)*
*⛅दिशा शूल - दक्षिण दिशा में*
*⛅ब्रह्ममुहूर्त - प्रातः 04:46 से प्रातः 05:29 तक (अहमदाबाद मानक समयानुसार)*
*⛅अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 12:19 से दोपहर 01:11*
*⛅निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:24 अगस्त 08 से रात्रि 01:07 अगस्त 08 तक (अहमदाबाद मानक समयानुसार)*
*⛅️विशेष - त्रयोदशी को बैंगन खाने से पुत्र का नाश होता है व चतुर्दशी के दिन स्त्री-सहवास तथा तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंड: 27.29-34)*

*🔹इन सात गुणों से सम्पन्न विद्यार्थी छू लेगा बुलंदियाँ*

*🔸'उत्साही, अदीर्घसूत्री (कार्य को शीघ्र पूर्ण करनेवाला), क्रिया की विधि को जाननेवाला, व्यसनों से दूर रहनेवाला, शूर, कृतज्ञ तथा स्थिर मित्रता वाले मनुष्य को सफलताएँ, सिद्धियाँ स्वयं ढूँढ़ने लगती हैं ।'*

*🔸हे विद्यार्थी ! कल्याण करनेवाली ये सात बातें अच्छी तरह से अपने जीवन में लाना । मित्र करो । उत्साहरहित नहीं, उत्साही बनो। दीर्घसूत्री (कार्य को देर से करनेवाला) नहीं, अदीर्घसूत्री हो । आज पढ़ने का पाठ कल पढ़ेंगे, बाद में करेंगे, ऐसा नहीं । जिस समय का जो काम है वह उस समय कर ही लेना चाहिए, बाद के लिए नहीं रखना चाहिए । काम करने की विधि को ठीक तरह से जान लो फिर सुनियोजन करके काम शुरू करो ।*

*🔸फास्ट फूड, डबल रोटी, पिज्जा, कोल्ड ड्रिंक्स, चाय-कॉफी, पान-मसाला - ये सत्यानाश करते, करते और करते ही हैं । इसलिए इनके सेवन से बचो ।*

*🔸डरपोक जैसे विचार नहीं, शूरवीर जैसे विचार करो । किसीका उपकार न भूलो । अस्थिर मित्र नहीं, सज्जन, अच्छे मित्र बनाओ। परम स्थिर मित्र तो परमात्मा है, उसका तुम ध्यान करो । बाहर भी अच्छे, चरित्रवान, सत्संगी स्थिर मित्र करो ।*

*🔸ये सात गुण जिस विद्यार्थी के जीवन में हैं, जिस मनुष्य के जीवन में हैं, आज नहीं तो कल सफलता उसके चरण चूमती है ।*
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https://linkbaza.com/catalog/-1001302003528 Tue, 05 Aug 2025 18:15:35 +0300
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https://linkbaza.com/catalog/-1001302003528 Mon, 04 Aug 2025 16:02:34 +0300
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https://linkbaza.com/catalog/-1001302003528 Sun, 03 Aug 2025 16:03:02 +0300
*🌞~ आज का हिन्दू पंचांग ~🌞*
*⛅दिनांक - 04 अगस्त 2025*
*⛅दिन - सोमवार*
*⛅विक्रम संवत् - 2082*
*⛅अयन - दक्षिणायण*
*⛅ऋतु - वर्षा*
*⛅मास - श्रावण*
*⛅पक्ष - शुक्ल*
*⛅तिथि - दशमी सुबह 11:41 तक तत्पश्चात् एकादशी*
*⛅नक्षत्र - अनुराधा सुबह 09:12 तक तत्पश्चात् ज्येष्ठा*
*⛅योग - ब्रह्म सुबह 07:05 तक तत्पश्चात् इन्द्र*
*⛅राहुकाल - सुबह 07:50 सुबह 09:29 तक (अहमदाबाद मानक समयानुसार)*
*⛅सूर्योदय - 06:12*
*⛅सूर्यास्त - 07:20 (सूर्योदय एवं सूर्यास्त अहमदाबाद मानक समयानुसार)*
*⛅दिशा शूल - पूर्व दिशा में*
*⛅ब्रह्ममुहूर्त - प्रातः 04:45 से प्रातः 05:28 तक (अहमदाबाद मानक समयानुसार)*
*⛅अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 12:19 से दोपहर 01:12*
*⛅निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:24 अगस्त 05 से रात्रि 01:08 अगस्त 05 तक (अहमदाबाद मानक समयानुसार)*
*⛅️व्रत पर्व विवरण - श्रावण सोमवार व्रत, सर्वार्थ सिद्धि योग (सुबह 06:12 से सुबह 09:12 तक)*
*⛅️विशेष - एकादशी को शिम्बी (सेम) खाने से पुत्र का नाश होता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंड: 27.29-34)*

*🔹एकादशी विशेष🔹*

*🔸एकादशी व्रत के लाभ🔸*

*🔸 एकादशी व्रत के पुण्य के समान और कोई पुण्य नहीं है ।*

*🔸 जो पुण्य सूर्यग्रहण में दान से होता है, उससे कई गुना अधिक पुण्य एकादशी के व्रत से होता है ।*

*🔸 जो पुण्य गौ-दान, सुवर्ण-दान, अश्वमेघ यज्ञ से होता है, उससे अधिक पुण्य एकादशी के व्रत से होता है ।*

*🔸 एकादशी करनेवालों के पितर नीच योनि से मुक्त होते हैं और अपने परिवारवालों पर प्रसन्नता बरसाते हैं । इसलिए यह व्रत करने वालों के घर में सुख-शांति बनी रहती है ।*

*🔸 धन-धान्य, पुत्रादि की वृद्धि होती है ।*

*🔸 कीर्ति बढ़ती है, श्रद्धा-भक्ति बढ़ती है, जिससे जीवन रसमय बनता है ।*

*🔸 परमात्मा की प्रसन्नता प्राप्त होती है । पूर्वकाल में राजा नहुष, अंबरीष, राजा गाधी आदि जिन्होंने भी एकादशी का व्रत किया, उन्हें इस पृथ्वी का समस्त ऐश्वर्य प्राप्त हुआ । भगवान शिवजी ने नारद से कहा है : एकादशी का व्रत करने से मनुष्य के सात जन्मों के पाप नष्ट हो जाते हैं, इसमे कोई संदेह नहीं है । एकादशी के दिन किये हुए व्रत, गौ-दान आदि का अनंत गुना पुण्य होता है ।*
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https://linkbaza.com/catalog/-1001302003528 Sat, 02 Aug 2025 15:55:52 +0300
*🌞~ आज का हिन्दू पंचांग ~🌞*
*⛅दिनांक - 03 अगस्त 2025*
*⛅दिन - रविवार*
*⛅विक्रम संवत् - 2082*
*⛅अयन - दक्षिणायण*
*⛅ऋतु - वर्षा*
*⛅मास - श्रावण*
*⛅पक्ष - शुक्ल*
*⛅तिथि - नवमी सुबह 09:42  तक तत्पश्चात् दशमी*
*⛅नक्षत्र - विशाखा प्रातः 06:35 तक तत्पश्चात् अनुराधा*
*⛅योग - शुक्ल प्रातः 06:24 तक तत्पश्चात् ब्रह्म*
*⛅राहुकाल - शाम 05:42 शाम 07:20 तक (अहमदाबाद मानक समयानुसार)*
*⛅सूर्योदय - 06:11*
*⛅सूर्यास्त - 07:20 (सूर्योदय एवं सूर्यास्त अहमदाबाद मानक समयानुसार)*
*⛅दिशा शूल - पश्चिम दिशा में*
*⛅ब्रह्ममुहूर्त - प्रातः 04:45 से प्रातः 05:28 तक (अहमदाबाद मानक समयानुसार)*
*⛅अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 12:19 से दोपहर 01:12*
*⛅निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:24 अगस्त 04 से रात्रि 01:08 अगस्त 04 तक (अहमदाबाद मानक समयानुसार)*
*⛅️विशेष - नवमी को लौकी खाना गोमांस के समान त्याज्य है व दशमी को कलंबी शाक खाना त्याज्य है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंड: 27.29-34)*

*🔹 रविवार विशेष🔹*

*🔸 रविवार के दिन स्त्री-सहवास तथा तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)*

*🔸 रविवार के दिन मसूर की दाल, अदरक और लाल रंग का साग नहीं खाना चाहिए । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, श्रीकृष्ण खंडः 75.90)*

*🔸 रविवार के दिन काँसे के पात्र में भोजन नहीं करना चाहिए । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, श्रीकृष्ण खंडः 75)*

*🔸 रविवार सूर्यदेव का दिन है, इस दिन क्षौर (बाल काटना व दाढ़ी बनवाना) कराने से धन, बुद्धि और धर्म की क्षति होती है ।*

*🔸 रविवार को आँवले का सेवन नहीं करना चाहिए ।*

*🔸 स्कंद पुराण के अनुसार रविवार के दिन बिल्ववृक्ष का पूजन करना चाहिए । इससे ब्रह्महत्या आदि महापाप भी नष्ट हो जाते हैं ।*

*🔸 रविवार के दिन पीपल के पेड़ को स्पर्श करना निषेध है ।*

*🔸 रविवार के दिन तुलसी पत्ता तोड़ना वर्जित है ।*
 
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https://linkbaza.com/catalog/-1001302003528 Fri, 01 Aug 2025 16:11:31 +0300
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https://linkbaza.com/catalog/-1001302003528 Thu, 31 Jul 2025 20:52:55 +0300
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https://linkbaza.com/catalog/-1001302003528 Thu, 31 Jul 2025 20:11:53 +0300
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https://linkbaza.com/catalog/-1001302003528 Wed, 30 Jul 2025 15:40:15 +0300
🌞~ आज का हिन्दू पंचांग ~🌞
⛅️दिनांक - 31 जुलाई  2025
⛅️दिन - गुरुवार
⛅️विक्रम संवत् - 2082
⛅️अयन - दक्षिणायण
⛅️ऋतु - वर्षा
⛅️मास - श्रावण
⛅️पक्ष - शुक्ल
⛅️तिथि - सप्तमी प्रातः 04:58 अगस्त 01 तक तत्पश्चात अष्टमी
⛅️नक्षत्र - चित्रा रात्रि 12:41 अगस्त 01 तत्पश्चात् स्वाती
⛅️योग - साध्य प्रातः 04:32 अगस्त 01 तक तत्पश्चात् शुभ
⛅️राहुकाल - दोपहर 02:25 से शाम 04:04 तक (अहमदाबाद मानक समयानुसार)
⛅️सूर्योदय - 06:10
⛅️सूर्यास्त - 07:22 (सूर्योदय एवं सूर्यास्त अहमदाबाद मानक समयानुसार)
⛅️दिशा शूल - दक्षिण दिशा में
⛅️ब्रह्ममुहूर्त - प्रातः 04:44 से प्रातः 05:27 तक (अहमदाबाद मानक समयानुसार)
⛅️अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 12:20 से दोपहर 01:12
⛅️निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:25 अगस्त 01 से रात्रि 01:08 अगस्त 01 तक (अहमदाबाद मानक समयानुसार)
⛅️व्रत पर्व विवरण - संत तुलसीदासजी जयंती
⛅️विशेष - सप्तमी को ताड़ का फल खाने से रोग बढ़ता है, व शरीर का नाश होता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंड: 27.29-34)

🔹स्वास्थ्य-रक्षा के सरल प्रयोग🔹

(अनिद्रा, दाह, फोड़े-फुंसी आदि :)

🔸जिनको सिरदर्द होता हो अथवा रात को ११ से २ के बीच की नींद टूटती हो, नकसीर फूटती हो, उन सबके लिए एक प्रयोग है - धनिया, आँवला और मिश्री समभाग कूटकर रख दो । १० ग्राम रात को भिगा लो, सुबह मसलकर पी लो । सुबह भिगा दो, शाम को पी लो । नींद बढ़िया आयेगी, पेट साफ रहेगा, आँखों की जलन, मासिक की अधिकता, फोड़े-फुंसी सब शांत हो जायेंगे । मूत्रदाह तथा स्वप्नदोष से भी रक्षा होगी । जिनको नकसीर की तकलीफ है (नाक फूटती है), उन लोगों के लिए भी यह प्रयोग आशीर्वादरूप है ।

🔸नकसीर : हरे धनिये अथवा तुलसी के रस की २-३ बूँदें नाक में डालें । सुबह-शाम त्रिफला का सेवन करें । इससे २-४ दिन में आराम होता है ।

तरबूज खाने अथवा उसका रस पीने से भी नकसीर में आराम होता है ।

🔸फोड़े-फुंसियाँ : पालक, गाजर और ककड़ी तीनों मिलाकर उसका रस ले लें अथवा हरे नारियल का पानी पियें । इससे फोड़े-फुंसियाँ दूर होते हैं । भोजन में नमक कम मात्रा में लें ।

    लोक कल्याण सेतु - जून 2011

🔹गुरुवार विशेष 🔹

🔸हर गुरुवार को तुलसी के पौधे में शुद्ध कच्चा दूध गाय का थोड़ा-सा ही डाले तो, उस घर में लक्ष्मी स्थायी होती है और गुरूवार को व्रत उपवास करके गुरु की पूजा करने वाले के दिल में गुरु की भक्ति स्थायी हो जाती है ।

🔸गुरुवार के दिन देवगुरु बृहस्पति के प्रतीक आम के पेड़ की निम्न प्रकार से पूजा करें :

🔸एक लोटा जल लेकर उसमें चने की दाल, गुड़, कुमकुम, हल्दी व चावल डालकर निम्नलिखित मंत्र बोलते हुए आम के पेड़ की जड़ में चढ़ाएं ।
 
ॐ ऐं क्लीं बृहस्पतये नमः ।

फिर उपरोक्त मंत्र बोलते हुए आम के वृक्ष की पांच परिक्रमा करें और गुरुभक्ति, गुरुप्रीति बढ़े ऐसी प्रार्थना करें । थोड़ा सा गुड़ या बेसन की मिठाई चींटियों को डाल दें ।

( लोक कल्याण सेतु , अंक - ११६ )

🔸गुरुवार को बाल कटवाने से लक्ष्मी और मान की हानि होती है ।

🔸गुरुवार के दिन तेल मालिश हानि करती है । यदि निषिद्ध दिनों में मालिश करनी ही है तो ऋषियों ने उसकी भी व्यवस्था दी है । तेल में दूर्वा डाल के मालिश करें तो वह दोष चला जायेगा ।
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https://linkbaza.com/catalog/-1001302003528 Tue, 29 Jul 2025 19:17:13 +0300
*🌞~ आज का हिन्दू पंचांग ~🌞*
*⛅दिनांक - 30 जुलाई  2025*
*⛅दिन - बुधवार*
*⛅विक्रम संवत् - 2082*
*⛅अयन - दक्षिणायण*
*⛅ऋतु - वर्षा*
*⛅मास - श्रावण*
*⛅पक्ष - शुक्ल*
*⛅तिथि - षष्ठी रात्रि 02:41 जुलाई 31 तक तत्पश्चात सप्तमी*
*⛅नक्षत्र - हस्त रात्रि 09:53 तक तत्पश्चात् चित्रा*
*⛅योग - सिद्ध रात्रि 03:40 जुलाई 31 तक तत्पश्चात् साध्य*
*⛅राहुकाल - दोपहर 12:46 से दोपहर 02:25 तक (अहमदाबाद मानक समयानुसार)*
*⛅सूर्योदय - 06:10*
*⛅सूर्यास्त - 07:22 (सूर्योदय एवं सूर्यास्त अहमदाबाद मानक समयानुसार)*
*⛅दिशा शूल - उत्तर दिशा में*
*⛅ब्रह्ममुहूर्त - प्रातः 04:43 से प्रातः 05:26 तक (अहमदाबाद मानक समयानुसार)*
*⛅अभिजीत मुहूर्त - कोई नहीं*
*⛅निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:25 जुलाई 31 से रात्रि 01:08 जुलाई 31 तक (अहमदाबाद मानक समयानुसार)*
*⛅️व्रत पर्व विवरण - कल्की जयंती, स्कन्द षष्ठी, सर्वार्थसिद्धि योग (प्रातः 06:10 से रात्रि 09:53 तक)*
*विशेष - षष्ठी को नीम की पत्ती, फल या दातून मुंह में डालने से नीच योनियों की प्राप्ति होती है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंड: 27.29-34)*

*🔹रोगप्रतिरोधक शक्ति (Immunity) बढाने हेतु सशक्त उपाय 🔹*

*🔸१. जो लोग सुबह की शुद्ध हवा में प्राणायाम करते हैं उनमें प्राणबल बढ़ने से रोगप्रतिकारक शक्ति बढ़ती है और इससे कई रोगकारी जीवाणु मर जाते हैं । जो प्राणायाम के समय एवं उसके अलावा भी गहरा श्वास लेते हैं उनके फेफड़ों के निष्क्रिय पड़े वायुकोशों को प्राणवायु मिलने लगती है और वे सक्रिय हो उठते हैं । फलत: शरीर की कार्य करने की क्षमता बढ़ जाती है, जिससे मन प्रसन्न रहता है ।*

*🔸२. सूर्यकिरणों में अद्भुत् रोगप्रतिकारक शक्ति है । संसार का कोई वैद्य अथवा कोई मानवी उपचार उतना दिव्य स्वास्थ्य और बुद्धि की दृढ़ता नहीं दे सकता है जितना सुबह की कोमल सूर्य-रश्मियों में छुपे ओज-तेज से मिलता है । प्रात:काल सूर्य को अर्घ्य-दान, सूर्यस्नान ( सिर को कपड़े से ढककर ८ मिनट सूर्य की ओर मुख व १० मिनट पीठ करके बैठना ) और सूर्यनमस्कार करने से शरीर ह्रष्ट-पुष्ट व बलवान बनता है ।*

*🔸३. तुलसी के १-२ पौधे घर में जरूर होने चाहिए । दूसरी दवाएँ कीटाणु नष्ट करती है लेकिन तुलसी की हवा तो कीटाणु पैदा ही नही होने देती है । तुलसी के पौधे का चहुँ ओर २०० मीटर तक प्रभाव रहता है । जो व्यक्ति तुलसी के ५-७ पत्ते सुबह चबाकर पानी पीता हैं उसकी स्मरणशक्ति बढ़ती है, ब्रह्मचर्य मजबूत होता है । सैकड़ो बीमारियाँ दूर करने की शक्ति तुलसी के पत्तों में है । तुलसी के एक चुटकी बीज रात को पानी में भिगोकर सुबह पीने से आप दीर्घजीवी रहेंगे और बहुत सारी बीमारियों को भगाने में आपकी जीवनीशक्ति सक्षम एवं सबल रहेगी ।*

*🔸४. नीम के पत्ते, फल, फूल, डाली, जड़ इन पाँचों चीजों को देशी घी के साथ मिश्रित करके घर में धूप किया जाय तो रोगी को तत्काल आराम मिलता है, रोगप्रतिकारक शक्तिवर्धक वातावरण सर्जित हो जाता है ।*

*🔸५. टमाटर, फूलगोभी, अजवायन व संतरा रोगप्रतिकारक शक्ति बढ़ाते हैं अत: भोजन में इनका उपयोग करें । हल्दी, जीरा, दालचीनी एवं धनिया का उपयोग करें । परिस्थितियों को देखते हुए अल्प मात्रा में लहसुन भी डाल सकते हैं ।*

*🔸६. १५० मि.ली. दूध में आधा छोटा चम्मच हल्दी डाल के उबालकर दिन में १-२ बार लें ।*

*🔸७. रोगप्रतिरोधक शक्ति बढ़ाने हेतु प्राणदा टेबलेट, ब्राह्म रसायन, होमियो तुलसी गोलियाँ, तुलसी अर्क (१०० मि.ली. पानी में १ से ५ बूँद आयु व प्रकृति अनुसार), होमियों पॉवर केअर आदि का सेवन लाभदायी है ।*

*📖 ऋषि प्रसाद – मई २०२० से*
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