Лента постов канала साहित्य/उपन्यास संग्रह (@SahityaJunction) https://t.me/SahityaJunction उस दौर यानी 70 के दशक के बाद से अक्सर लोगों के हाथ में मोटे-मोटे नावेल रहते थे. ट्रेन हो या बस अड्डा हर जगह ये उपलब्ध रहती थीं. लोग इनको बड़े शौक से पढ़ते थे. जब घर से बाहर निकलते तो हाथ में एक उपन्यास रखना जैसे कोई फैशन स्टेटमेंट होता था। ru