आजाद चमन में घिरते पंछी,
उड़ते हैं, चहचहाते हैं
आजादी की कीमत क्या है,
सबको राज बताते हैं,
पंख बिना जो पिंजरा सोना,
पंछी तो घबराता है
और गगन का कौन सा कोना,
बोलो सुकून पाता है?
आजादी उन्मुक्त आकाश में
जलद के विचरण में है,
आजादी नदियों के जल के
सुमधुर कल कल में है!
आजादी करुणा की विलास,
प्रेम की उन्मुक्त तरंग है
आजादी स्वर्ण पिंजर में नहीं,
आजादी गगन विहंग में है!
आजादी एक स्वप्न है सच्चा,
एक सच्चा अधिकार है,
आजादी कर्तव्य जीव का
जीवन जहां साकार है!
इस गगन में अगणित पंछी,
आजादी की धूम मनाएं
सर्वस्व त्यागा धीर वीरों ने
भाग्य से यह दिन हम पाए।
स्वतंत्रता दिवस की अनेकानेक शुभकामनाएं 🥰🙏
मां भारती की सेवा और सुरक्षा में सदैव तत्पर रहें, मातृभूमि हमारा कल्याण करेगी।
भारत माता की जय 🙏🇮🇳
जय हिंद 🇮🇳🙏
#MJ
मनोज कुमार “MJ“