उस दौर यानी 70 के दशक के बाद से अक्सर लोगों के हाथ में मोटे-मोटे नावेल रहते थे. ट्रेन हो या बस अड्डा हर जगह ये उपलब्ध रहती थीं. लोग इनको बड़े शौक से पढ़ते थे. जब घर से बाहर निकलते तो हाथ में एक उपन्यास रखना जैसे कोई फैशन स्टेटमेंट होता था।
Информация о канале обновлена 15.05.2023.